महात्मा गाँधी ने कैसे बसाया फीनिक्स शहर?
दरअसल महात्मा गाँधी जब दक्षिण अफ्रीका में थे तो उन्होंने वहा रह रहे भारतीयों तक जानकारी पहुचाने के लिये मदनजीत नामक एक व्यक्ति के साथ साझेदारी करके एक अखबार शुरू किया था। अब चुकी उसमे भारतीयों के हित की बात हुआ करती थी तो उसका नाम रखा गया इंडियन ओपिनियन। जो कुछ निजी कारणों से ज्यादा दिन चल नहीं पाया। तो गाँधी जी ने अपना स्वयं का निजी अखबार शुरू करना चाहा। उसके लिए उन्हें कुछ जमीन की तलाश थी। इसके लिए उन्होंने अखबारों में इश्तिहार दिए जिससे उन्हें 20 एकड़ जमीन के बारे में जानकारी मिली उसी जमीन से लगी हुई 80 एकड़ जमीन भी बेची जा रही थी। तो गाँधी जी ने अपनी कमाई के पैसों से 100 एकड़ जमीन खरीद ली। जिसके लिए उन्होंने 1000 पौंड का निवेश किया। जमीन खरीदने के बाद वहा एक छाप खाना खोला गया। अब इतनी जमीन खरीदने के बाद वहा रहने के लिए सिर्फ चार ही लोग थे। मगन लाल (गाँधी जी के भतीजे), मशीन मैन गोविंदा, मी. वेस्ट और चौथे स्वयं गाँधी जी। ऐसे में गाँधी जी ने वहां कुछ घर बनवाने का निर्णय लिया और उन्हें जोहानसबर्ग की गंदी बस्तियों में रह रहे भारतीयों मे बाट दिया और बाकी की ज़मीन उन्हीं लोगों को फल वा सब्जियाँ उगा कर उनके जीवन निर्वहन के लिए बाट दी। इतना सब करने के बाद अब बारी थी अपने इस आश्रम का नाम रखने की इस पर उन्होंने लोगों से चर्चा की तो किसी ने कहा फीनिक्स। गाँधी जी ने खुशी के साथ दोहराया फीनिक्स! दक्षिण अफ्रीका में एक पक्षी होता है जिसका नाम है फीनिक्स। जो हर बार मर के जिन्दा हो जाता है अर्थात वह कभी मरता ही नहीं है। यही सोचकर नाम रखा गया फीनिक्स जो कभी खत्म नहीं हो सकता। फिर सभी लोगों ने एक साथ मिलकर दोहराया फीनिक्स और इस तरह दक्षिण अफ्रीका मे फीनिक्स शहर की स्थापना महात्मा गाँधी द्वारा की गई।
- पंकज (नीलोफ़र)
Comments