दक्षिण अफ्रीका में पुलिस के हाथो पीट दिये गये थे गाँधी जी !
जी हाँ महात्मा गाँधी जब दक्षिण अफ्रीका में थे तब एक बार फुटपाथ पर चलने के कारण वहा की पुलिस के हाथो पीट दिये गये थे। इतना ही नहीं बल्कि पुलिस कांस्टेबल ने उन्हें उठा कर सड़क पर फेंक दिया था। दरअसल 1893 में गाँधी जी एक साल के करार नामे पर दक्षिण अफ्रीका गये थे। बात तब कि हैं जब वह ट्रांसवाल के प्रिटोरिया में थे। ट्रांसवाल में एक नियम था कि कोई भी भारतीय या काला व्यक्ति रात 9 बजे के बाद सड़कों पर नहीं घूम सकता। साथ ही मे काले लोगों को फुटपाथ पर चलने का भी कोई अधिकार नहीं था। फुटपाथ सिर्फ गोरों के लिए ही थी।
उस समय वहां के प्रेसिडेंट क्रूग़र थे और प्रिटोरिया मे ही क्रूग़र का महल था। महल के आसपास सुरक्षा में कुछ सैनिक हुआ करते थे। दरअसल गाँधी जी को पैदल चलने का शौक था।
एक दिन गाँधी जी क्रूग़र के महल के पास से गुजर रहे थे, वह अपने ही ख़यालों में खोये हुए थे।तो अचानक चलते चलते वह सड़क से फुटपाथ पर आ गए। थोड़ी ही देर में उन्हें एक जोरदार धक्का लगा और वे सड़क पर आ गिरे। सर उठाया तो सामने क्रूग़र का महल था। इससे पहले कि कुछ कहते सिपाहियों ने बेरहमी से गाँधी जी की पिटाई सुरू कर दी। उसी समय वहॉं से गाँधी जी के एक गोरे दोस्त मिस्टर कोटस गुजर रहे थे उन्होंने पूरा वाकीया देखा था। अब चुकी सिपाहियों ने गाँधी जी को बिना कोई चेतावनी दिये ही पीट दिया था, कोटस ने गाँधी जी से सिपाहियों को सजा दिलवाने की बात कही। इस पर गाँधी जी ने कहा कि वो तो अपना काम कर रहे थे गलती मेरी ही है मेंने ही कानून तोड़ा था। मेंने तो उन्हें तभी माफ़ कर दिया था।
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